UP News : यूपी में नए एक्सप्रेसवे का खाका तैयार, इन तीन जिलों से होकर गुजरेगा 115 किलोमीटर का हिस्सा
यह एक्सप्रेसवे पूर्वोत्तर भारत (North-East India) को यूपी (UP) से सीधे जोड़ने का सपना साकार करेगा। गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच 700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को 15 घंटे से घटाकर 9 घंटे कर देगा।
UP News : उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क (UP Road Network) को बेहतर बनाने के लिए नए एक्सप्रेसवे (Expressway) परियोजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) क्षेत्रीय विकास और यात्रा को सुगम बनाने का एक बड़ा कदम है।
हरियाणा को मिली नई रेल कॉरिडोर की सौगात, आसमान पर पहुँच जाएंगे इन गांवों की जमीनों के रेट
यह एक्सप्रेसवे पूर्वोत्तर भारत (North-East India) को यूपी (UP) से सीधे जोड़ने का सपना साकार करेगा। गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच 700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को 15 घंटे से घटाकर 9 घंटे कर देगा।
गोरखपुर से सिलीगुड़ी यात्रा होगी आसान
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से बिहार के चंपारण, दरभंगा, सीतामढ़ी, और फारबिसगंज जैसे क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। पहले गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक सीधा कनेक्शन (Direct Connection) नहीं था जिससे यात्रा में अधिक समय लगता था। अब इस नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) के जरिए यह दूरी न केवल समय में घटेगी बल्कि यात्रा भी अधिक सुगम और सुरक्षित बनेगी।
औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIEDA) को औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। गीडा के पास धुरियापार में 5500 हेक्टेयर में नया औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित है।
इस क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों को एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार, बंगाल और असम तक पहुंचने में आसानी होगी। पेप्सिको जैसी बड़ी कंपनियां पहले से ही गोरखपुर के लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे स्थापित हैं।
नए रूट का सर्वे हो रहा है
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस एक्सप्रेसवे के लिए नए रूट का सर्वे शुरू कर दिया है। पहले इसे लखनऊ-मुजफ्फरपुर हाईवे के पास मोतीराम अड्डा से जोड़ने की योजना थी लेकिन अब इसे जैतपुर से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ा जाएगा। इस बदलाव से यूपी के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिलों में 115 किलोमीटर का हिस्सा शामिल होगा।
विकास के नए आयाम खुलेंगे
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में विकास की गति को भी तेज करेगा। बिहार के चंपारण और सीतामढ़ी जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश (Industrial Investment) को बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा में मनरेगा घोटाले पर मुख्यमंत्री के सख्त कदम, 5 कर्मचारियों को किया सस्पेंड, जांच के आदेश जारी
वहीं गोरखपुर के उद्योगों को पूर्वोत्तर भारत और पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान और बांग्लादेश तक अपने उत्पाद आसानी से पहुंचाने का मौका मिलेगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत इसे पर्यावरण के अनुकूल (Eco-Friendly) बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सड़क किनारे हरियाली (Green Belt) विकसित की जाएगी जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।